1. आपके ऋण दाता आपसे आखिरकर आपसे उगाही कर ही लेंगे। 2. कहते हैं: “इस बात पर सर्वसम्मति है कि अगर ऋण दाता उधार लेने वाले पर 3. से ज्ञात होता है कि ऋण दाता से पक्षपात करना जाइज़ नहीं है, बल्कि उस से उसी के 4. ने उसे रेहन रख दिया है और आप यह साधारण किराया 100 डॉलर सालाना ऋण दाता को देती 5. व्यापारी प्रतिष्ठान का ऋण दाता इसके लिए भुगतान करते हैं जो बदले में वित्तपोषण कम्पनी को अग्रेषित करता है। 6. ब्याज लगाने के बजाय, ब्याज मुक्त ऋण दाता उधार की सेवा प्रदान करने के लिए एक “शुल्क” लगाता है. 7. रेलिगेयर व कुमार मोटर्स के मध्य समझौता चेन्नई 18 अप्रैल: गैर बैंकिंग क्षेत्र की ऋण दाता कंपनी 'रेलिगेयर फाइनवेस्ट लिमिटेड' 8. परन्तु चेक केवास्तव में प्राप्त हुए बिना ही एक ऋण दाता अपने लेखा में मौद्रिक कोषमें वृद्धि का निबंधन नहीं करता. 9. व् यापारी प्रतिष् ठान का ऋण दाता इसके लिए भुगतान करते हैं जो बदले में वित्तपोषण कम् पनी को अग्रेषित करता है। 10. इस सिद्धांत के तहत, ब्याज, उस अवधि के लिए भुगतान है जिसके दौरान ऋण दाता को अपने धन से वंचित रहना पड़ता है.